बीकानेर फूलों की आंखों में आंसू, है फीका रंग बहारों का, लगता है आने वाला है, मौसम फिर अंगारों का एक पर्यावरणविद् की ये पंक्तियां पर्यावरण को लेकर हमारे आज और कल की सारी हकीकत बयां करने के लिए काफी है। कुदरत ने जो दिया, उसे संभाला नहीं और नया करने की हमने कभी हिम्मत ही नहीं जुटाई। हालात यह है कि हवा में जहर घुल रहा है, पानी बीमारियां दे रहा है और कानफोडू आवाजें श्रवण क्षमता दिनोंदिन घटाती जा रही है। पर्यावरण प्रदूषण के मामले में शहर नित नए पायदान चढ रहा है। पर्यावरण...
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