-मुकेश पूनियां-
बीकानेर। राजस्थान के रास्ते गुजरात तक शराब की सप्लाई करने वाले हरियाणा,पंजाब और अरूणाचल प्रदेश में बैठे तस्करों को अब खासी रिस्क उठानी पड़ रही है,अपराध जगत से जुड़े सूत्रों के मुताबिक तस्करी से लदे ट्रकों को शराब राजस्थान बॉर्डर पार कराने का जिम्मा पहले कुख्यात हिस्ट्रीशीटर आंनदपाल सिंह और राजू ठेहट की गैंगों ने संभाल रखा था,आंनदपाल सिंह के एन्काउटर के बाद उसकी गैंग खत्म सी हो गई और राजू ठेहट के आधे से ज्यादा गर्गुे सलाखों के पीछे होने की वजह से उसकी गैंग भी पूरी तरह कमजोर पड़ चुकी है। वहीं एसओजी और एटीएम ने भी शराब तस्करी पर निगरानी बढा दी है,पुलिस भी शराब तस्करी की रोकथाम में काफी सख्ताई बरत रही है। इससे राजस्थान के रास्ते गुजरात तक तस्करी की शराब सप्लाई का नेटवर्क पूरी तरह बिगड़ गया है। बताया जाता है कि नवरात्रा का सीजन शराब तस्करों के लिये सबसे टॉप सीजन होता है लेकिन अब की दफा नवरात्रा के ताजा सीजन में गुजरात तक शराब पहुंचाना तस्करों के लिये बड़ी चुनौती बन गया है। जबकि दो माह पहले तक पुलिस और तस्करों के गठजोड़ के कारण हर सप्ताह तस्करी की शराब लदे ६०-७० से ज्यादा ट्रक राजस्थान बॉर्डर पार कर गुजरात पहुंच जाते थे। गुजरात में प्रतिबंध होने की वजह से वहां शराब बड़ी मात्रा में दुगुनी किमत पर बिकती है। मोटी कमाई के लिये गुजरात में शराब की सप्लाई करने वाले पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश के कुख्यात तस्करों का नेटवर्क राजस्थान के रास्ते गुजरात तक फैला कायम कर रखा था, गुजरात तक अवैध शराब पहुंचने के लिए बीकानेर समेत 11 जिलों के 50 से अधिक थानों से तस्करी की अवैध शराब से भरे ट्रक हर रोज पार हो जाते। मगर अभी तस्करों का नेटवर्क बिगड़ जाने से हर सप्ताह तस्करी की शराब से लदे एक-दो ट्रक ही राजस्थान होते हुए गुजरात पहुंच रहे है।
- यह राजमार्ग है तस्करी के रूट
राष्ट्रीय राजमार्ग पन्द्रह पर पंजाब के अबोहर से होते हुए हनुमानगढ़, बीकानेर,फ लौदी, जैसलमेर, बाड़मेर,आबू होते हुए अवैध शराब गुजरात के कांडला तक पहुंचाई जाती है। इसी तरह राजमार्ग पैंसठ पर हरियाणा के हिसार से चूरू,जोधपुर, पाली, जालोर होते हुए शराब तस्कर अवैध शराब के ट्रक गुजरात के पालनपुर तक पहुंचाते हैं।
-करोड़ो की कमाई का खेल
सूत्रों की मानें तो पुलिस-आबकारीऔर तस्करों के गठजोड़ से हर माह 300 करोड़ की अवैध शराब राजस्थान बॉर्डर पार कर गुजरात पहुंचने पर 500 करोड़ की हो जाती है। गुजरात में अवैध शराब तस्करी की एक बड़ी वजह यह है कि पंजाब, हरियाणा में निर्मित होने वाली शराब की कीमत राजस्थान के मुकाबले कम है। ऐसे में हरियाणा-पंजाब के तस्करों की मदद से अवैध शराब का कारोबार राजस्थान और गुजरात तक फैला हुआ है। इतना ही नहीं हरियाणा.पंजाब में कई अवैध फैक्ट्रियां भी संचालित हो रही है, इससे अवैध शराब आधी कीमत पर तस्करों तक पहुंचाई जाती है। शराब तस्कर एक ट्रक के पीछे 10-10 लाख रुपए कमाते है।