स्वर लहरियों के साथ आतिशबाजी से रंगीन भी होगा आसमां, कोलकाता से पहुचें कलाकार
आजादी के जश्र में आतिशबाजी से आच्छादित होगी ‘सरजमीं’

मंगल पांडे से लेकर नए भारत तक की जीवंत तस्वीर दिखाएगा यह अनूठा कार्यक्रम
बीकानेर। देश की आजादी का जश्न इस बार कुछ खास होगा। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बीकानेर की सरजमीं न सिर्फ गीत और संगीत से आल्हादित होगी, बल्कि शहर का आसमां रंग बिरंगी रोमांचित कर देने वाली आतिशबाजी से आच्छादित भी रहेगा। यह सब बीकानेर के एम.एम. ग्राउंड पर होने वाले इस आयोजन में देश की आजादी के संघर्ष की कहानी को सिलसिलेवार पेश किया जाएगा।
बीकानेर फाउंडेशन की ओर से आयोजित हो रहे इस मेगा आयोजन में मंगल पांडे की ओर से शुरू किए गए आजादी के संघर्ष को पंद्रह अगस्त १९४७ तक लयबद्ध तरीके से पेश किया जाएगा। करीब सौ फीट लंबी व चैड़ी एलईडी पर लाइव प्रदर्शन के साथ ही सैकड़ों की संख्या में कलाकार मंच पर एक के बाद एक प्रस्तुति देंगे। इस दौरान मंगल पांडे, भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर, सुभाषचंद्र बोस सहित सभी अमर शहीदों के आजादी आंदोलन को जीवंत तरीके से पेश किया जाएगा। पंद्रह अगस्त १९४७ के दिन भारतीय तिरंगे को फहराने का दृश्य जैसे ही मंचित होगा, वैसे ही पूरा आसमान आतिशबाजी से आच्छादित हो जाएगा। आयोजन स्थल एमएम ग्राउंड के हर कोने से होने वाली आतिशबाजी का नजारा विशिष्ट होगा जो लगभग आधे घंटे तक चलेगा।
तैयारियां जोरों पर
फाउंडेशन के सचिव कमल कल्ला ने बताया कि एमएम ग्राउंड में तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। करीब दस हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मैदान में आने के लिए दो दरवाजे दिए गए हैं, जबकि जाने के लिए चार दरवाजे होंगे। राष्ट्रभक्ति की इस संध्या के लिये आम बीकानेर वासियों को आमंत्रण दिया जा रहा है तथा बैठने की व्यवस्था भी पहले आने वाले मेहमानों के अनुसार की गई है।
कोलकाता से पहुंच गये है कलाकार
बीकानेर फाउंडेशन ने इस समारोह में अपने हुनर का प्रदर्शन करने के लिये कमल गांधाी के नेतृत्व मे संचालित संस्था समन्वय कोलकाता से करीब सौ कलाकार मंगलवार सुबह बीकानेर पहुंच गये हैं। 13 अगस्त मंगलवार प्रातः अवसर पर पहुंचे इन कलाकारों का रेल्वे स्टेशन पहुंचने पर देशी कलाकारों के वाद्य धुनों के साथ फुल माला पहनाकर स्वागत किया गया।
मुख्य कलाकार मूल रूप से बीकानेर के है और दशकों पहले उनके पूर्वज कोलकाता में बस गए थे। प्रवासी बीकानेरियों को जोडने के उद्देश्य से इन कलाकारों को अवसर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस पर इन कलाकारों की प्रस्तुति राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है।