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जानिये पचास लाख रूपये की साड़ी के बारे मे
जयपुर के बादशाह मियां की 32 रंगों की एक साड़ी तैयार करने में लगता है एक साल
नई दिल्ली के भगवान दास रोड़ पर आगा खान हॉल में राजस्थान गैर कृषि अभिकरण (रूड़ा) एवं फिक्की के सौजन्य से सोमवार को शुरू हुई राजस्थान की शिल्पांगन प्रदर्शनी में एक अनोखी साड़ी दिल्लीवासियों विशेषकर महिलाओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। बत्तीस (32) रंगों से बनी इस साड़ी की कीमत 50 लाख रूपये बताई गई है।
इस साड़ी को बनाने वाले जयपुर के हाजी बादशाह मियां के मुताबिक इस प्रकार की साड़ी को बनाने में एक साल का वक्त लगता है। उन्होंने बताया कि इस बेशकीमती साड़ी को बनाने में ’नगीना-मोहरी‘ तकनीक का प्रयोग किया गया है। इस साड़ी में तीन प्राथमिक रंग व तीन द्वितीय श्रेणी के रंगों का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इन छह रंगों के पांच अलग टोन तथा सफेद व काला रंग भी मौजूद है। इस तकनीक के तहत पीएच मीटर के माध्यम से पानी की शुद्धता की जांच करने के बाद रंग तैयार किए जाते है और इन्ही रंगों से साड़ी बनाई जाती है।
उन्होंने बताया कि ये रंग सौ फीसदी ईको फ्रेंड्ली हैं और इससे त्वचा को नुकसान नही होता है। इस साड़ी को बनाने के लिए बादशाह मियां को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत भी किया गया है। बादशाह मियां के मुताबिक 50 लाख रूपये कीमत होने की वजह से इस साड़ी की खरीददारी मुख्य रूप से राजसी एवं रईस घराने की महिलाओं द्वारा ही किया जाता है।

इसके अलावा विदेशों विशेषकर जापान आदि देशों से भी इसकी मांग आ रही है। उन्होंने बताया है कि कई महिलाएं कम कीमत मे भी इस तरह की साड़ी तैयार करने का आग्रह करती हैं, पर ऎसा संभव नहीं है, क्योंकि इसे तैयार करने में काफी समय लगता है। कारण यह है कि इसके लिए पानी की क्षारीय और अम्लीय गुणों की जांच करनी पड़ती है, जिसके बाद साड़ी के लिए रंग तैयार किए जाते है। बादशाह मियां के स्टॉल पर और भी अनूठी वस्तुएं देखी जा सकती है, जिनमें ऎसी साड़ियां और दुपट्टे भी शामिल है जो 24 कैरेट सोने के छोल युक्त रंगों से तैयार किए गये है। ऎसे दुपट्टे की कीमत 50 हजार रूपये और साड़ी की कीमत पांच लाख रूपये है।
रूड़ा की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुश्री नीलिमा जौहरी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ’’शिल्पांगन प्रदर्शनी‘‘ लगाने का मुख्य उदे्शय राजस्थान के बेजोड़, हुनरमंद दस्तकारों को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना है।