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शहर में गणगौर गीतों की स्वर लहरियों की गूंज
लोक पर्व गणगौर के कारण शहर का वातावरण गणगौर मय बन रहा है।
बीकानेर, लोक पर्व गणगौर के कारण शहर का वातावरण गणगौर मय बन रहा है। सुबह, दोपहर व शाम को गीतों की स्वर लहरियों की गूंज शहर के विभिन्न इलाकों में हो रही है। महिलाएं अखंड सुहाग व बालिकाएं सुयोग्य वर व मंगलमय जीवन की कामना को लेकर गणगौर का आकर्षक श्रृंगार कर नियमित विभिन्न तरह के व्यंजनों का भोग लगा रही है।
रानी बाजार में हैप्पी इंग्लिश स्कूल के पास बुधवार को आस पास की महिलाओं ने गणगौर के गीतों के साथ गणगौर उत्सव मनाया गया। महिलाओं ने ’सज धज कर बैठी गवरल मां, आ मंद-मंद मुस्कावें’, ’बासो तो बसियो रानी गवरजा’, ’ईसरजी ने भावे बिदाम री कतली’, ’उडि़यो-उडि़यो डोढो-डोढो जाए ईसरजी रो सुवटियो’, ’सात सहेल्या रे झूलणे, म्हारी गवरल गई रे तालाब राठौड’ आदि पारम्परिक व फिल्मी तर्ज पर बने गीतों को गा रहीं थी।