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हेशटेग युद्ध मे जीता नेपाल
#GoHomeIndianMedia हैश टैग से हो रही है भारतीय मीडिया की बदनामी
बीकानेर(खबरएक्सप्रेस.काॅम), नेपाल मे आये भूंकप ने जहां 7000 से ज्यादा लोगो की जान ले ली, लाखों लोगों को बेघर कर दिया है और नेपाल की विश्व विरासत धरोहरो के साथ साथ पर्यटन स्थलों को भी नष्ट कर दिया है। यह बता सभी जानते है, लेकिन इस त्रासदी की भारतीय मीडिया द्वारा की जा रही कवरेज को कटघरे मे खड़ा कर दिया है।
ये कटघरा राजनैतिक प्रतिद्वंधिता का परिणाम है या भारत की बढ़ती साख को बट्टा लगाने का प्रयास, यह गहन खोज का विषय है।
नेपाल के एक व्यक्ति द्वारा अपने भारतियों साथियों को भेजे पत्र मे कहा गया है भारतीय मीडिया के यह दावे सरासर गलत है कि सर्वप्रथम भारत ही नेपाल मदद के लिए पंहुचा और जहां हजारों जानों को सुरक्षित जगह पंहुचाया, खाद्य सामग्री पंहुचाई गई तथा पूरे नेपाल भारतीय सेना के हवाई जहाजों को मदद की इजाजत दी गई व इस तरह के तमाम अन्य दावें। जबकि भारतीय सेना ने केवल अपने सुरक्षित लोगो को ही निकाला गया बजाय आपदा मे फंसे लोगो।
भारतीय मीडिया घर जाओ के अर्थ वाले इस हैशटैग के साथ चस्पा किये गये इस पत्र मे लिखा गया कि इस मामले सच्चाई यह है कि चीन ने ही सर्वप्रथम सुरक्षा दल भेजे और फंसे हुए लोगो को सुरक्षित निकालने का परिणाम भी उसी का है।
यह पत्र गुजराज काॅगं्रेस के अर्जुन मोढवाडि़या ने भी साझा किया है।
इस पत्र के बाद सोशियल मीडिया मे भारतीय मीडिया के विरूद्ध #GoHomeIndianMedia टैग को कत्थित तौर पर नेपाल लोगों के समर्थन ने सर्वोच्च स्थान बना लिया और हैश टैग वार मे एक बड़ी जीत बताई जा रही है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो इस छिछलेबाजी ने जहां भारतीय मीडिया की फजीहत की है वहीं त्रासदी विषयों पर इस तरह की प्रतिक्रियाऐं अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति मे चेहरे चमकाने, बिगाड़ का खेल भी स्पष्ट नजर आ रहा है।
इस पत्र के और हैश टेग के हिट जो जाने के आधार पर भारत मे अन्दरूनी राजनीति के अन्तर्गत जहंा काॅग्रेसी इसको मोदी की अति-प्रचार प्रवृति को दोषी ठहरा रहे है तो वहीं आम भारतीय नेपाल मे हुए भूंकप के बाद वहां इन्टरनेट की अनुपलब्धता कम होने के बावजुद इस हैशटेग के हिट हो जाने पर ही सवाल उठाते हुए इसे चीन द्वारा जमीनी स्तर पर राहत कार्य मे पीछड़ जाने पर साइबर वार मे ही जीत हासिल करने की शर्मनाक करतूत बता रहे है।
#GoHomeIndianMedia