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हजारों मुसलमानों की उपस्थिति मे सम्पन्न हुई महापंचायत
अपने अधिकारों के लिए जागने के सन्देश के पूरी हुई महापंचायत
बीकानेर, बीकानेर के सार्दुल क्लब मैदान मे देश भर से हजारों की संख्या आये मुस्लिमों की महापंचायत आयोजित हुई। इस महापंचायत सुन्नी मुसलमानों के नेताओं ने देश के सभी सुन्नी मुसलामानों को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने तथा जागरूक होने का आह़वान किया है। सार्दुल क्लब मैदान बीकानेर में हुई इस महापंचायत में ऑल इंडिया उलेमा व मशायाख बोर्ड के पदाधिकारि ने बताया कि किस प्रकार देश में मुसलमानों को मिले अधिकारों को वहाबी विचारधारा वाले 15 फीसदी मुसलमान उठा रहे हैं। महापंचायत में मुसलामानों के हालात जानने के लिए बनी सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की भी पुरजोर तरीके से मांग की गई। मुस्लिम नेताओं ने कहा कि देश में सत्ता में बैठे लोगों को यदि मुसलमानों की कमजोर हालत के बारे में उनकी ही बनाई एक कमेटी से चल गया है तो अब कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है। मुस्लिम वक्ताओं ने कहा कि देश में एक बड़ा तबका गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने को मजबूर है। यह हुकुमत की जिम्मेवारी है कि ऐसे लोगों को गरीबी रेखा से उपर लाया जाए। वक्ताओं ने वक्फ बोर्ड में सुन्नी मुसलमानों की भागीदारी बढाने की भी बात कही। महापंचायत में वक्ताओं ने कहा कि देश का सुन्नी मुसलमान वहाबी विचारधारा वाले जमाती, तबलीगी, देवबंदी मुसलमानों की आयडियोलोजी से सहमत नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि देश में मुसलमानों के सुधार के लिए बने संगठनों में भले ही धोखे से वहाबी मुसलमानों का कब्जा हो गया हो मगर सुन्नी मुसलमानों ने इन्हें कभी स्वीकार नहीं किया। वक्ताओं ने कहा कि सुन्नी मुसलमानों की खामोशी के कारण वहाबी विचारधारा के मुसलमान सरकार में देश के सभी मुसलमानों के नाम पर उचें पदों पर बैठे हैं। इसीलिए सुन्नी मुसलमानों की संस्थार ऑल इंडिया उलेमा व मशायख बोर्ड ने यह तय किया कि वह देश के 80 प्रतिशत सच्चा भारतीय मुसलमानों की बात आम अवाम तक पहुंचाए और भारत में उनको दिए गए अधिकारों का वे खुद उपयोग करें। वक्ताओं ने कहा कि इस वक्त सुन्नी मुसलमानों की हालत खराब है। जागरूक नहीं है। अपने देश के लिए जिम्मा क्या है दूसरे धर्मां के प्रति जिम्मेवारी क्या है वे नहीं जानते। यही कारण है कि हम अपना घर सुधारने चले हैं। पहले घर सुधर जाए फिर दूसरे लोगों के घर सुधारने का प्रयास करेंगे।

