आखिरकार भारतवासियों का इंतजार खत्म हुआ। कॉमनवेल्थ गेम्स दिल्ली-2010 की क्वींस बैटन मशाला वाघा बार्डर के जरिए हिंदुस्तान की सीमा में प्रवेश कर गई। भारतीय सीमा में जैसे ही यह मशाल पहुंची, देशवासियों ने ताली बजाकर उसका स्वागत किया। यह मशाल देश 28 राज्यों में बीस हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस के स्वागत के लिए देशवासियों ने पलक पांवड़े बिछाए हुए थे। इस मशाल को भारतीय ओलपिंक एसोसिएशन के प्रधान और सांसद सुरेश कलमाड़ी को सौंपी गई। अमृतसर के लोग इस मशाल का उनकी धरती पर पहुंचना बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। यही कारण...
News: National News