बीकानेर, 6 मार्च। राजस्थान राज्य अभिलेखागार के अभिलेख सप्ताह के तहत बुधवार को तीन व्याख्यानों का आयोजन किया गया। पहले व्याख्यान में दिल्ली राज्य अभिलेखागार के उपनिदेशक संजय गर्ग द्वारा 'डिजिटाइजेशन व माइक्रोफिल्मिंग' शीर्षक पर ऑनलाईन व्याख्यान दिया गया।
उन्होंने बताया कि डिजिटाइजेशन व माइक्रोफिल्मिंग अभिलेखीय दस्तावेजों के संरक्षण का आधुनिक एवं सशक्त माध्यम है। यह शोधार्थी के 42 प्रतिशत शोध समय को बचाता है। इस व्याख्यान में देश-विदेश के शोधार्थियों एवं इतिहासकारों ने ऑनलाइन भाग लिया। अभिलेखागार के उप निदेशक चन्द्रसेन सिंह शेखावत ने अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि भारत में सर्वाधिक 4 करोड़ पृष्ठों को डिजिटाइज करने के दिल्ली अभिलेखागार के कार्य से राजस्थान अभिलेखागार भी प्रेरणा लेगा और डिजिटाइजेशन कार्य को और आगे बढ़ाएगा। इसी श्रृंखला में सांय दूसरे व्याख्यान में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. शिव कुमार भनोत ने 'पश्चिमी राजस्थान में पंचायत-राज्य संबंध' शीर्षक अभिलेखीय स्त्रोतों पर आधारित व्याख्यान दिया और मध्यकालीन इतिहास में गुड गर्वनेंस व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला।
राजस्थान के इकलौते टैगोर फैलो डॉ. राजेन्द्र कुमार ने 'क्षेत्रीय इतिहास लेखन में पुरालेखीय संपदा की उपयोगिता एवं इनकी ख्यात स्त्रोतों से तुलना’ पर व्याख्यान दिया।
अभिलेखागार निदेशक डॉ. नितिन गोयल ने बताया अभिलेख सप्ताह के अंतर्गत 7 मार्च को विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'राजस्थान के इतिहास में महिलाओं की स्थिति एवं भूमिका' का भी आयोजन किया जाएगा। संगोष्ठी का उद्घाटन बीकानेर पूर्व विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी द्वारा किया जाएगा। मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि मौजूद रहेगी। कार्यक्रम के समापन सत्र में संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी, गृह विज्ञान महाविद्यालय की डीन प्रो. विमला डुकवाल मौजूद रहेंगी।