महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के डाॅ. भीमराम अम्बेडकर सेन्टर फाॅर मार्जिनलाइज्ड सोसायटी द्वारा आज ‘‘ 21 वीं सदी में सत्गुरू रविदास जी की पवित्र वाणी की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि व्यक्ति को महान होने के लिए सर्वप्रथम सरल होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संत रविदास ना केवल दार्शनिक थे वरण महान गुरू थे जिन्होंने भक्तिकाल के दौरान समाज में व्याप्त कुरितियों के विरूद्ध दृढ़ता से अपना संदेश जन-जन तक पहुंचाया। उन्होंने गुरु रविदास जी के जीवन की सरलता और आध्यात्मिक श्रेष्ठता पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन मूल्यों को वर्तमान पीढ़ी के लिए भी अनुकरणीय बताया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में पधारे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव डाॅ. जी.एस. चैहान ने सम्बोधित करते हुए संत रविदास के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कालखण्ड में समाज का उचित मार्गदर्शन करने के लिए गुरू रविदास की वाणी सदैव ही प्रेरणा प्रदान करती रहेगी। डाॅ. चैहान ने कहा कि सत्गुरू रविदास ने अपनी वाणी के माध्यम से समाज मे व्याप्त कुरीतियों पर तर्कसंगत प्रहार कर उन्हे सुधारने मे महत्ती भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सिक्ख समाज की गुरूवाणी हो या मीरा बाई का जीवन सभी में गुरू रविदास की शिक्षाओं का समावेश देखने का मिलता है।
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि डॉ रेणुका व्यास ने बताया कि संत रविदास जी के अनुसार मनुष्य को श्रेष्ठ बनने के लिए अपने मन पर विजय पाना आवश्यक है। उनके अनुसार गुरु रविदास जैसे समाज सुधारक हर काल खंड मे प्रेरणा के श्रोत एवं प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ भीमराव अंबेडकर सेंटर फॉर मार्जिनलाइज्ड सोसाइटीज़ के निदेशक डॉ गौतम कुमार मेघवंशी ने आगन्तुकों का स्वागत किया और संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रगति सोबती ने किया तथा डॉ प्रभूदान चारण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी मे प्रोण् राजाराम चोयल ए डॉ अभिषेक वशिष्ठ, डॉ मेघना शर्मा, डॉ सीमा शर्मा, डॉ संतोष शेखावत, डॉ धर्मेश हरवानी, डॉ बिट्ठल बिस्सा, डॉ प्रकाश सारण, डॉ सुरेन्द्र गोदारा, कुलदीप जैन तथा अन्य अशैक्षणिक कार्मिकगण एवं विभिन्न महाविद्यालयों और बीकानेर शहर के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।