समर्पण, अकुटिलता, सहायक भाव के साथ सर्व जीवों के प्रति स्नेह ही साधुत्व: प्रखर प्रवचनकार श्रुतानन्द

नवपद ओलीजी के पंचम दिन साधु पद की हुई आराधना

समर्पण, अकुटिलता, सहायक भाव के साथ सर्व जीवों के प्रति स्नेह ही साधुत्व: प्रखर प्रवचनकार श्रुतानन्द

बीकानेर, 13 अक्टूबर। जैनधर्म मे जप तप के सास्वत आराधना पर्व नवपद ओलीजी के पंचम दिन साधू पद की आराधना की गई। 
गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार मुनि श्रुतानंद महाराज साहेब द्वारा श्रावक श्राविकाओं को  सुबह सवा नौ बजे विश्वशांति व आत्मशांति के लिए प्रदषिण का  ‘अप्रतीम जो नित्य रहे, नवी हरखे नवी सोचे रे।  साधु सुध ते आतमा, शु मुंडे शुं लोचे रे।।  दोहे के साथ वर्ण काला, गुण 27, खमासमणा 27, स्वास्तिक 27 तथा धान्य के रूप में उड़द के साथ ही ॐ हीं नमो लोए सव्वसाहूणं की 20 माला से  साधुपद की आराधना करवाई गई।
श्रुतानन्द म सा ने साधू पद पर जिनशासन के तहत ग्रन्थोचित उपदेश देते हुए कहा कि साधू का वर्ण काला होता है क्योंकि साधू महाराज अपने आंतरिक शत्रु से लड़ने के लिए राग द्वेष से लड़ते है। परिश्रम के कारण काला वर्ण रखा गया है। आज एक धान से उड़द के धान से आयंबिल करेंगें। और मुनि भगवन का जीवन सबको सहाय करे वो साधू। साधू के अन्दर स्वार्थता और कुटिलता और स्चछंदता नाम का अवगुण होना नही होना चाहिए और साधु जीवन में समर्पण भाव, अकुटिलता और सहायक भाव का होना जरूरी है जिस शिष्य को शिक्षा देने मे गुरु को झीझक हो वो शिष्य तो लज्जा के लायक है और जो शिष्य गुरू के आज्ञा का यत तत करके पालन करता है उसका शिष्यत्व निखर जाता है और वो ही साधु मोक्ष की ओर अग्रसर होता जाता है। 
दोपहर तीन बजे मुनि पुष्पेन्द्र जी महाराजा के द्वारा श्रीपाल मैना के चारित्र का वांचन किया जा रहा है।  साधुपद की गरिमा को नजर रखते हुए 27 खमासने, 27 लोगस्स, स्वास्तिक, ओम नमों सव्वसाहुणम नमस्कार किये जाने के साथ भक्ति का आयोजन हुआ प्रवचन हुआ। 
आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानि ने बताया कि विनोद देवी कोचर ओलीजी के प्रथम दिवस विषयक पर आयोजित सीमा अभिषेक सुराणा, सुनीता कोचर, पुर्णिमा बांठिया, अलका बांठिया, शुभलक्ष्मी कोचर का तथा चन्द्रा बैद, मंजू बैद, सीमा अभिषेक सुराणा तथा गरबा उत्सव में सुमन कोचर, आराध्या, पायल पुगलिया, दिव्या सुराणा, निधि अग्रवाल, तेजल कोचर, स्वाति कोचर का बहुमान किया गया।
समिति के शांतिलाल हनुजी कोचर ने बताया कि 20 अक्टूबर को धार्मिक ज्ञान की वृद्धि हेतु विजय वल्लभ शाॅपिंग माॅल आयोजित किया जायेगा तथा साधर्मिक स्वामी वत्सल का आयोजन होगा। आज के श्री संघ की पूजा व प्रभावना का लाभ चातुर्मास समिति व ओसवाल साॅप परिवार, जयपुर द्वारा लिया गया।

Post a Comment

Previous Post Next Post