जिससे संस्कृति नष्ट हो कला नहीं बला है-शिराज

आबू रोड  कला मनुष्य के जीवन का अंग है। हर मनुष्य के अन्दर परमात्मा ने गुणों के रूप में कलाओं की भंडार बनाया है। इससे निखारने की आवश्यकता है। आने वाले नये युग की रचना का आधार बने कलाकार। उक्त विचार ब्रह्माकुमारीज संस्था अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी ने व्यक्त किये। वे राजयोग शिक्षा एवं शोध प्रतिष्ठान के कला एवं संस्कृति प्रभाग की ओर से परमात्म ज्ञान द्वारा कला का दिव्यीकरण पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन अवसर पर देश भर से आये कलाकारों को सम्बोधित कर रही थी।  आगे उन्होंने कहा कि प्राचीन समय...

Read more...


News: Abu News


Post a Comment

Previous Post Next Post