शायद वेदना से कराह रहा हूँ।अपने साथ हो रहे अन्याय,शोषण से पीड़ित हूँ और दुखी हूँ।शायद मेरे संतोषी प्रवर्ती के निवासी कुछ ज्यादा ही सन्तोषी हो गए हे या मेरी पीड़ा उनको दिखाई नही दे रही। मेरे व्यापारी, जननेता, जनसेवक और जनप्रतिनिधि भी शायद सो रहे हैं या अपने निजी जीवन में इतना व्यस्त हो गए हे कि उन्हें मेरी वर्षो से फ़िक्र नही रही। वर्षो से मेरे साथ अन्याय हो रहा है उसे देखकर भी सब अनजान बने हुए हे।
जब- जब मे मेरे समृद्ध इतिहास को देखता हूँ और वर्तमान परिद्रश्य से तुलना करता हूँ तो पीड़ा से कराह उठता हूँ। आज भी मुझमे और यहां के लोगो में कोई कमी नही है चाहे शिक्षा हो, साहित्य हो , खेल हो, व्यापार हो या चाहे बात संस्कृति और खान पान से हो लेकिन मैं विकास की मुख्य धारा में शामिल क्यों नही हुआ।
किसी समय मेरे यशस्वी पुत्र गंगा सिंह जी के काल में , मैं भारत के विकसित और सम्रद्ध शहरो में शामिल था लेकिन अब परिद्रश्य परिवर्तित और शर्मिंदगी भरा हे।आज भी दूसरे शहरो में बीकानेर को एक बड़ा गाँव कह कर मखोल उड़ाया जाता हे जिससे यहाँ के बेटे बेटियां बाहर शर्मिंदा होते हे और में छलनि हो जाता हूँ। हर सरकार ने जनप्रतिनिधि ने मेरा शोषण किया हे और मेरे साथ अन्याय किया हे। चाहे बात शिक्षा मुख्यालय की हो राष्ट्रिय स्तर के संस्थानों के स्थापना की हो मेरे साथ हमेशा अन्याय हुआ , चाहे IIT हो , AIIMS हो, IIIT हो, या IIM होया फिर बात केंद्रीय विश्व विधायलय की हो हमेशा मुझे दोयम दर्जे का समझा गया । पूर्ववर्ति सरकार को JNURM योजना हो या अभी की smart city योजना मुझे क्यों कमतर आँका गया।
ये सरकारे और जनप्रतिनिधि आज तक मुझे आधारभूत सुविधाये जैसे अच्छी चौड़ी सड़के ,24 घंटे बिजली , सीवरेज, सफाई , ट्रैफिक भी नही दे पाये।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 100 smart city योजना से मुझे उम्मीद लगी कि शायद अब बिना राजनीती या स्वार्थ से मेरा नंबर आएगा और मै भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो जाऊंगा लेकिन एक बार फिर मेरे साथ अन्याय हुआ।
मुझे नही पता मुझमे कमी कहाँ हे , मै जनसँख्या हो , शहरी फैलाव हो , पर्यटन हो या धर्म का आधार हो , शिक्षा हो या फिर व्यापर हो हर मायने में , हर स्तर पर देश के 100 मुख्य शहरो में शामिल हूँ और राजस्थान का चौथा बडा शहर हूँ फिर भी ये राजनेतिक अन्याय क्यों ?
आज जब मेरे से छोटे शहर अजमेर , उदयपुर , गंगानगर , भीलवाड़ा भी विकास से अछूते नही तो मेरे साथ अन्याय क्यों ? शायद मेरे बेटे बेटियों और मेरे जनप्रतिनिधियो में वो जज्बा या इच्छाशक्ति नही जो मेरे प्रति मेरे वीर बेटे " महाराजा गंगासिंह " में थी।
मेरी वेदनापूर्ण प्रार्थना हे सब निवासियो , व्यापारियो , जनसेवकों जनप्रतिनिधियो से कि एक साथ मिलकर मेरे साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लडे , और इस बार कुछ ऐसा कर दिखाये के आने वाली पीढ़ियों को हम पर गर्व हो।
आपका प्यारा बीकानेर
--- डॉ राजकुमार कल्ला