जोधपुर, केसरीसिह बारहठ चारण सेवा संस्थान के तत्वावधान में 31 अगस्त 2017 को मिनी ऑडिटोरियम सूचना केन्द्र जोधपुर में आयोजित हुए कार्यक्रम में न्यायाधिपति पुष्पेंद्र सिह भाटी मुख्यातिथी रहे और अध्यक्षता संस्थान के प्रो.हाकमदान चारण ने की ।
विशेष अतिथि ठाकुर नाहरसिंह जसोल और आईदानसिंह भाटी सहित डा शक्तिदान जी कविया, सोहनदान जी चारण, लक्षमणदान जी कविया, डा.प्रकाश अमरावत, डा.जहूर खां मेहर और डूंगरदान आसिया जैसे विद्वान और साहित्यरत्नों ने मंच पर कार्यक्रम की शोभा बढाई । खचाखच भरे ऑडिटोरियम में प्रात: 11.30 पर अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन के साथ कोकिलकंठी सुनेहा अमरावत ने सरस्वती वदंना ने कार्यक्रम का श्रीगणेश हुआ, डा.सोहनदान चारण द्वारा स्वागत-उद्बोधन के बाद, मुख्यवक्ता ठा.नाहरसिंह जसोल ने प्राचीन सतातन धर्म में चारण-राजपूत रिश्तों और देश के लिए दिये गये बलिदान की याद दिलाई तो आईदानसिंह भाटी ने क्रांतिकारी ठाकुर केसरीसिह बारहठ के द्वारा देश के लिए अपने सम्पूर्ण परिवार के बलिदान को याद किया । डा. शक्तिदान कविया ने शिक्षा और समाज सुधार के लिए क्रान्तिकारी ठा.केसरीसिह बारहठ को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लेने की सीख दी । मुख्यातिथी न्यायाधिपति पुष्पेंद्र सिह भाटी ने मानवसेवा और सामाजिक न्याय पर बोलते हुए इतिहास से प्रेरणा लेने सहित साहित्य और संस्कृति के संरक्षण की महती आवश्यकता बताई।
संस्थान के अध्यक्ष भवानीसिह कविया ने संस्थान के उद्देश्यों, संस्थान के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट हरिद्वार में चारण गढवी सेवा सदन की की जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण के अन्तर्गत हरिद्वार में 12616 वर्गफीट जमीन करणीदान देथा की अध्यक्षता में गठित क्रय समिति द्वारा खरीद कर रजिस्ट्री करवा दी गई हैं ।
द्वितीय चरण के अन्तर्गत दिपावली तक भूमि पूजन करने के बाद प्रोफेसर हाकमदान चारण की अध्यक्षता में गठित निर्माण समिति द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा । इसके लिए प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करते हुए नक्सा पास करवाने की कार्यवाही चल रही हैं ।
डा.प्रकाश अमरावत ने पुस्तक जनकवि ब्रजलाल जी कविया की पुस्तक विजय विनोदपर और विरेन्द्र सिह लखावत ने गिरधरदान दासोड़ी की पुस्तक "ढलगी रातां! बहगी बातां"पर पत्रवाचन किया ।
पुस्तक विमोचन एवं साहित्य सेवा के लिए लेखक गिरधरदान रतनू ने संस्थान की सराहना करते हुए कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी । पुस्तक ढल़गी रातां ! बहगी बातां ! के प्रकाशक चंदनदान बारहठ का भी सम्मान किया गया । जनकवि स्वर्गीय ब्रजलाल जी कविया के पुत्र गंगासिह कविया ने पुस्तक के सम्पादक गिरधरदान रतनू दासोड़ी का आभार जताते हुए अपने पिताजी के जीवनवृत्त प्रकाश डाला ।
मुख्यातिथी न्यायाधिपति पुष्पेंद्र सिह भाटी के कर कमलों से विभिन्न सेवाकार्य में संगीत के क्षेत्र मेंनारायणदान रतनु, हरलाया का व सुनेहा अमरावत का ; पत्रकारिता में क्रान्तिकारियों पर लेखन के क्षेत्र में एम.आई.जाहीर, पत्रकार का ; शिक्षा व समाजसेवा मेंविरेन्द्र सिह शेखावत, भागीरथ चारण, भैरूसिह आसिया, किशनसिह रतनू, कोमलसिह चांपावत, और सिटीजन सोसायटी फोर एज्युकेशन नरेन्द्रसिह आढा का ; राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए लक्षमणदान कविया का; स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में शंकरदान देशनोक का, डिंगल संवर्धन और साहित्य के क्षेत्र मेंडा. शक्तिदान कविया, ठा.नाहरसिंह जसोल, डा. जहूर खां मेहर, आईदानसिंह भाटी, डा. प्रकाश अमरावत, डा. सोहनदान चारण, मोहनसिह रतनू , डुगरदान आसिया और बाबुदान लालस, जुडिया का सम्मान साफा-सॉल, माला , संस्थान का मोमेंटो और अभिनंदन पत्र के साथ किया गया ।
कार्यक्रम में सत्यदेव सांदू द्वारा सीखड़ली की प्रस्तुति पर सदन की आंखो में आंसू भर दिये तो कवि महेन्द्रसिह खिड़िया के डिगल काव्यपाठ ने सभी में वीररस का संचार किया । अपने अध्यक्षीय उदबोधन में प्रोफेसर हाकमदान चारण ने संस्थान के भावी प्रोजेक्ट पर प्रकाश डालते हुए एम्स के पास करणी विश्रामगृह और कोचिग भवन निर्माण, कोटा एवं जोधपुर में महिलाओं के लिए छात्रावास बनाने और सरदारसिह सांदू के नेतृत्व में जोधपुर जिले की डायरेक्टरी चारण दर्पणके द्वितीय संस्करण प्रकाशित करने की जानकारी दी । खचाखच भरे मिनी ऑडिटोरियम में भारी संख्या और सुदूर से पधारे सभी अतिथियों, बुद्धिजीवीं, विद्वानजनो और मातृशक्ति का आभार व्यक्त किया, साथ ही भविष्य में संस्थान के कार्यक्रम टॉउन-हॉल जैसे बड़े स्थान पर करने का विश्वास दिलाते हुए , भव्य उपस्थिति के कारण स्थान कम पड़ने पर हुई असुविधा के लिए संस्थान की ओर से अतिथियों से खेद व्यक्त किया ।
कार्यक्रम में मंच संचालन सरदारसिह सांदू किया और संयोजन गोपालसिह किनिया और जगदीशदान कविया ने किया । कार्यक्रम मे संस्थान के करणीदान देथा, नरेन्द्रसिह सांदू, तेजदान लालस, भगवानदान देवल, हरीसिह चारण , हरिसिह रतनू, राजेन्द्रसिह चारण (रायपुरिया) सुल्तानसिह आसिया, देशराजसिहअखावत, सुरेन्द्रसिह रतनु, गजेन्द्रसिह पालावत, मुकनदान रतनू उपस्थित थे । अल्पाहार के बाद समारोह का सांय पांच बजे समापन हुआ । कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का योगदान रहा जिनकी अथक मेहनत और परिश्रम के कारण इतना भव्य कार्यक्रम संभव हो पाया ।