बीकानेर में केन्द्रीय बजट पर उद्योगपतियों और प्रोफेशनल्स ने साझा की प्रतिक्रियाएं

 बीकानेर में केन्द्रीय बजट पर  उद्योगपतियों और प्रोफेशनल्स ने साझा की प्रतिक्रियाएं   


बीकानेर । बीकानेर के स्टेशन रोड स्थित होटल वृंदावन रीजेंसी में बीकानेर एडिटर एसोसिएशन ऑफ न्यूज पोर्टल्स एवं धनलक्ष्मी सिक्योरिटीज के संयुक्त तत्वावधान में केन्द्र सरकार के बजट पर एक चर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर काॅलेजों के प्रोफेसर, प्रमुख उद्योगपति और प्रोफेशनल्स ने बजट का बारीकी से विश्लेषण किया और अपनी प्रतिक्रियाएं साझा की। एडिटर एसोसिएशन ऑफ न्यूज पोर्टल्स के अध्यक्ष आनंद आचार्य ने अतिथियों से संगठन और उसके उद्देश्य से परिचित कराया। 

धनलक्ष्मी सिक्योरिटीज के प्रमुख गोपाल अग्रवाल ने कहा कि बीकानेर के विकास के लिए सभी सुझावों का स्वागत है, जिन्हें विश्लेषण करके आगे की प्रक्रिया में भेजा जाएगा। 

धनलक्ष्मी सिक्योरिटीज के प्रमुख उज्जवल गोलछा ने बीकानेर के उज्जवल भविष्य के लिए इस प्रयास की सराहना की और उम्मीद जताई कि सभी से अच्छे सुझाव प्राप्त होंगे। 

मोतीलाल ओसवाल के प्रतिनिधि मोहित जोशी ने कहा कि वे लोगों को लक्ष्मी तक पहुंचने के तरीके और दीर्घकालिक लाभ के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। 

बजट पर उद्योगपतियों और प्रोफेशनल्स की प्रतिक्रियाओं के संपादित अंश प्रस्तुत हैं।. 


प्रोफेसर अजय जोशी ने कहा कि चुनाव और राजनीति का मुद्दा युवाओं के रोजगार से शुरू हुआ, इसलिए सरकार को रोजगार के लिए कदम उठाने पड़े। सरकार ने एक नया विचार पेश किया कि पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दी जाएगी। लेकिन इसमें कई सीमाएं लगा दी गईं, जैसे पेशेवर कोर्स वाले पात्र नहीं होंगे। उनके अनुसार, इंटर्नशिप को शर्तों में बांधना सही नहीं है।.     


प्रोफेसर नृसिंह बिन्नाणी ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि हमें युवाओं पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देश की 65% आबादी युवा है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव लाना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में कॉलेजों में दी जा रही शिक्षा उद्योगों की मांग के अनुरूप नहीं है। उन्होंने इस बजट में इस बात पर जोर दिया है कि उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए।

प्रोफेसर नृसिंह बिन्नाणी का मानना है कि बीकानेर इस प्रकार की पहल के लिए एक आदर्श स्थान है, क्योंकि यहां कई इंजीनियरिंग, एमबीए और कृषि विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ऊन उद्योग, सिरेमिक्स उद्योग और सोलर एनर्जी जैसी नई और मौजूदा उद्योगों के लिए विशिष्ट कोर्स शुरू किए जाएं। बीकानेर की मिट्टी से निकलने वाले कैल्शियम कार्बोनेट का भी उन्होंने जिक्र किया, जो एक अच्छी इंडस्ट्री हो सकती है।

प्रोफेसर बिन्नाणी ने कहा कि बजट में जो घोषणा की गई है, उसके अनुसार प्रशासन को स्थानीय कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने चाहिए ताकि युवाओं को नई तकनीक का ज्ञान प्राप्त हो और वे स्थानीय उद्योगों में रोजगार पा सकें। उन्होंने इस बजट को युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बताया, जो रोजगार के साधन प्रदान करेगा और युवाओं को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

पूर्व मेयर मकसूद अहमद ने प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत बनाने के विचार का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने कहा कि महंगाई मुख्य मुद्दा है जिस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने बिजली, रसोई गैस और राशन की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई और कहा कि पूरे देश में शिक्षा और चिकित्सा मुफ्त होनी चाहिए। मकसूद अहमद ने बीकानेर की एक प्रमुख समस्या, रेल फाटक, का भी उल्लेख किया, जिससे 6 लाख लोग परेशान हैं। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 7 करोड़ रुपये में अंडर ब्रिज बन सकता था, जो अब 35 करोड़ रुपये में बनेगा। उन्होंने इसे बीकानेर की जनता के साथ अन्याय बताया और इस समस्या के जल्द समाधान की मांग की। मकसूद अहमद ने बीकानेर के भीड़भाड़ वाले हालात पर भी बात की और कहा कि उनके समय में न्यू बीकाणा सिटी का प्रोजेक्ट था, जो कुछ कारणों से पूरा नहीं हो सका। इस नई सिटी में कॉलोनियां बनाने की योजना थी, जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

के जी माइंस एंड मिनरल्स के ओनर राजेश चूरा ने कहा कि जीएसटी में समानीकरण होना चाहिए। कोलायत में करीब 50 लाख टन क्ले का उत्पादन होता है, लेकिन ट्रांसपोर्ट भाड़े के मामले में हम प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा गैस पाइप लाइन के लिए बहुत ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। बजट में टैक्सपेयर व्यापारी वर्ग की सुरक्षा के लिए कोई बात नहीं होती। सरकार इनके विकास के लिए कुछ करें। 


होटल कारोबारी और लघु उद्योग भारती बीकानेर इकाई के उपाध्यक्ष राजेश गोयल का कहना है कि बजट संतुलित और समतुल्य रहा। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगों के लिए काफी कुछ कर रही है और इसके लिए उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया। हालांकि, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार खेल और इसके संरक्षण पर कम ध्यान दे रही है और इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।


वायदा कारोबारी पुखराज चौपड़ा ने कहा कि बजट से हमेशा उम्मीदें होती हैं, लेकिन कभी भी कोई बजट पूरी तरह से इन पर खरा नहीं उतरता। बजट में कई घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन उन्हें जमीन पर लागू होते देखना जरूरी होता है। कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, खासकर असिंचित क्षेत्रों के किसानों के लिए। सरकार को चाहिए कि वह बीमा राशि का भुगतान सुनिश्चित करे और कृषि क्षेत्र को सब्सिडी देकर समृद्ध बनाए। उद्योगों को भी प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कच्चे माल का उत्पादन होता है। सोने-चांदी पर ड्यूटी घटाने की बजाय, सरकार को उत्पादन और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।


मंडी कारोबारी मोहन सुराणा का कहना है कि बीकानेर की रेल फाटक की समस्या का समाधान सभी को मिलकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर खोजना चाहिए। उन्होंने राजस्थान सरकार के बजट की प्रशंसा की, जो युवाओं पर केंद्रित है, और हर साल एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह घोषणा धरातल पर भी लागू होनी चाहिए। केंद्र सरकार की इंटर्नशिप योजना की भी सराहना की, जिसमें पांच सौ कोर कंपनियों में युवाओं को शामिल किया जाएगा और पहला वेतन सरकार देगी। उन्होंने कहा कि विकास की गति बढ़ने से रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे, और पिछले दस-बारह सालों में विकास की गति बढ़ी है। 


युवा उद्यमी काशी सिंह बजट को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं। वह मानते हैं कि बजट में युवाओं के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना एक अच्छा कदम है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश का विकास होगा। पूरा बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग पर केंद्रित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। सरकार का इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना विकास को बढ़ावा देने का संकेत है।

उद्योगपति सुभाष मित्तल ने बजट में सरकार द्वारा एसएमई (लघु और मध्यम उद्योगों) पर विशेष ध्यान देने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यदि युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए, तो एसएमई से रोजगार और उद्योग दोनों में वृद्धि होती है। बीकानेर शहर में माइंस, वूलन, भूजिया पापड़ आदि उद्योगों पर भी सरकार ने कई रियायतें दी हैं, जिनका सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।


बीकानेर वूलन एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने बजट की सराहना की है, खासकर इस बात की कि स्थाई सरकार और वित्त मंत्री के अनुभव से दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए: प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर रोजगार बढ़ाने और महंगाई कम करने के लिए मुफ्त राशन वितरण को जारी रखना। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रभाव के बावजूद, बेरोजगारी पर ध्यान दिया गया है, जो महत्वपूर्ण है। उन्होंने सरकार को आर एंड डी (अनुसंधान और विकास) पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी, क्योंकि यह देश के विकास के लिए आवश्यक है।बीकानेर की वूलन (ऊन) इंडस्ट्री पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार को चारागाहों के विकास पर ध्यान देना चाहिए ताकि वूलन उद्योग और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिल सके। न्यूजीलैंड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 30-40 साल पहले शुरू की गई वूल फार्मिंग आज सफल है और उसी तरह हमें भी भविष्य की इंडस्ट्री पर ध्यान देना चाहिए।इसके अलावा, उन्होंने कारपेट एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट के असंतुलन पर चिंता व्यक्त की और सरकार से आग्रह किया कि इम्पोर्टेड कारपेट पर बैन लगे या उनके उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। भेड़पालकों को मनरेगा या अन्य योजनाओं से जोड़ने की मांग भी की, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।सेवानिवृत्त 


प्राचार्य शिशिर शर्मा का कहना है कि युवाओं को कम्युनिकेशन और आईटी स्किल्स में प्रशिक्षित करना चाहिए क्योंकि वे हमारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि संपत्ति हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा के बजट में कमी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह बजट अधिक होना चाहिए ताकि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास हो सके।

राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के होम साइंस कॉलेज की डीन डायरेक्टर विमला डूकवाल ने बजट पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि बजट में इंडस्ट्री और ग्रोथ सेंटर के विकास की बात है, लेकिन साथ ही एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) भी विकसित होने चाहिए। उन्होंने हेल्थ और विकसित भारत की बात की, और कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया, विशेषकर पेस्टीसाइड्स के कम उपयोग की।उन्होंने "लोकल फॉर वोकल" पर जोर दिया, लेबर क्लास का स्किल डवलपमेंट और हस्तकला के विकास की बात की। आंगनबाड़ी को सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि विकसित भारत के लिए महिलाओं और पोषण पर विशेष ध्यान देना होगा।  

बुल पावर एनर्जी के डायरेक्टर शरद दत्ता आचार्य का कहना है कि व्यापारी के दृष्टिकोण से बजट अच्छा है, खासकर कस्टम ड्यूटी फ्री करने के निर्णय की सराहना की। हालांकि, उन्होंने स्पष्टता की कमी की ओर इशारा किया और कहा कि व्यावहारिक रूप से कुछ मुद्दे अभी भी हैं। उन्होंने तीन सौ यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा को व्यावहारिक रूप में प्रभावी नहीं पाया। मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाना सराहनीय कदम है, जिससे बीस लाख रुपये में अच्छा व्यापार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एनर्जी सेक्टर में बातें हो रही हैं, लेकिन व्यापारियों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। बीकानेर में सिडबी (SIDBI) की एक ब्रांच और सेज (SEZ) का होना आवश्यक है। अंततः, उन्होंने कहा कि इस बजट में बीकानेर को कोई विशेष लाभ नहीं मिला।

बुल पावर एनर्जी के दिनेश कुमार बिश्नोई ने कहा कि यह इन्फ्ररास्टक्चर बजट है। पूरे भारत का हाइएस्ट बजट रहा है। देश का डवलपमेंट इन्फ्रास्टक्चर से आंका जाता है। शिक्षा का इंडस्टी के साथ समन्वय हो वो इस बजट में देखने को मिला। बजट में एमएसएमई में अच्छा किया है। निवेश सेक्टर में नेगेटिव इम्पेक्ट के रूप में देखता हूं। कुल मिलाकर मिलाजुला बजट है। 

सीए जसवंत सिंह बैद का कहना है कि बजट में एंजेल टैक्स को खत्म करना एक अच्छा कदम है, जिससे नए स्टार्टअप्स को फायदा मिलेगा। उन्होंने बेरोजगारों को सक्षम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, टैक्सपेयर्स को शिक्षित करने की जरूरत है ताकि वे अधिक टैक्स दे सकें, जिससे सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा। 

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