मर्यादा पीड़ा देती है लेकिन व्यक्ति को महान बना देती हैः जैन मुनि श्रृतानंद

गुरू ज्ञान के लिए वर्षा के बीच भी पहुंचे जैन श्रावक श्राविकाऐं

बीकानेर, 16 अगस्त। रांगड़ी चैक स्थित पोषध शाला मे चल रहे चार्तुमास आयोजन मे गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न श्रृतानंद महाराज म.सा. ने कर्म निर्झरा पर अपना प्रवचन केन्द्रित रखा। लगातार जारी वर्षा के बावजूद भी बड़ी संख्या मे जैन श्रावक श्राविकाओं ने आज के प्रवचन में पहुंचकर गुरु ज्ञान लिया।

Vijay Vallabh Suri Ji Maharaj


जैन मुनि श्रृतानंद महाराज म.सा. ने अपने प्रवचन शुरू करते हुए कहा कि जहां मेरे पुण्यों मे व्यवधान आयेगा वहां मे जाउंगा नही, जहां मेरा प्रेम मे व्यवधान आयेगा उस व्यक्¬ि¬त से मे सम्बन्ध रखूंगा नही, जहां मेरी पवित्रता मे व्यवधान आयेगा वहां मैं सम्भल जाउंगा, यहां पवित्रता का मतलब समर्पण और मर्यादा है। पवित्रता का पालन करना हो तो किसी के भी हामी यानी किसी वरिष्ठ के मातहत काम करना होगा । पतंग का हवा मे ऊपर जाना है तो डोरी मे बंधे रहने होगा। हवा का मतलब पुण्य और डोरी को हम समर्पण। हर महानता मर्यादा बिना होती नही और मर्यादा पीड़ा बिना होती नही ।  पीड़ा, मर्यादा, महानता - पीड़ा सहोगे तो मर्यादा मे रह पाओगे और मर्यादा से महानता को स्पर्श कर पाओगे। इसलिए मर्यादा ही सफलता का मार्ग है।

परिवार का युवक, गुरु घर का शिष्य अपने बड़ो का, गुरु का केवल पुण्यों का उपयग करता हो पर वफादार ना हो तो उसका भविष्य निश्चित ही अंधकारमय है, साधना जरूरी नही है पर समाधी और समर्पण दोनो जरूरी है।   

 हरिभद्र सुरीजी का कहना था हमे गुणवाचक नाम पसंद है या पुण्यवाचक नाम हमे पुण्य के उदय मे रूचि है या पुण्य के बंध में। पुण्य उदय के तो पचास रास्ते होंगें लेकिन पुण्य बंद के पांच करोड़ रास्ते। जब तक हमे पुण्य बंद मे रूचि नही होगी तो परमात्मा का मुक्ति की तरफ की गाड़ी आगे बढ़ने वाली नही है। एक व्यक्ति दस रूपये का दान देता हो या एक वो व्यक्ति जो गांव खाली लेकिन आज खरबपति होकर एक बार दान देता हो। यह आपकी पर है कि कर्म निर्झरा का असर साधु पर ज्यादा है और श्रावक पर पुण्य बंद ज्यादा इस तरह महाराजश्री ने पुण्य गुण के बारे मे समझाया।

ट्रस्टी सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि आज 40 महिलाओं द्वारा शांति कर्म तप युक्त वियासना के आयोजन मे पारना सूरज भवन मे सम्पन्न हुआ तथा  आज की प्रभावना राजेन्द्र कोचर परिवार की ओर से की गई। आज के प्रवचन के दौरान जयश्री बेन, ललिता जैन, मानेक वैद तथा बबलू भाई ने व्यवस्था संभाली। 

ट्रस्ट से जुड़े शांति कोचर ने बताया कि रविवार को प्रातः 9 बजे से पौषधशाला मे धार्मिक शॅापिंग माॅल का शुभारंभ किया जायेगा जिसके लाभार्थी रिखबचंद शांतिलाल भंसाली है।

 

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