महामंगलकारी पर्व नवपद ओलीजी तपोत्सव प्रारंभ
विश्वशांति व आत्मशांति के लिए 17 तक चलेगी जप तप, आंयबिल से पंच परमेष्ठी की भक्ति आराधना
बीकानेर, 9 अक्टूबर। जैन सास्वती महामंगलकारी त्यौंहार नवपद ओलीजी का पर्व आज से शुरू हो गया है। इसके उपलक्ष पर चातुर्मास विहार पर आए गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार मुनि श्रुतानंद महाराज साहेब द्वारा श्रावक श्राविकाओं को रांगड़ी चैक स्थित पौषध शाला में सुबह 9ः15 बजे विश्वशांति व आत्मशांति के लिए अरिहंत परमात्मा की की आराधना के साथ पंच परमेष्ठि अरिहंत, सिद्ध, साधु, आचार्य और भगवान के साथ धर्म के चार फलरूप दर्शन, ज्ञान, चारित्य और तप की आराधना की गई।
गुरुजनों ने फरमाते हुए कहा कि सद्य स्थिति में सर्वत अशांति फैली हुई है। अनेकों व्याधियों एव समस्याओं के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। ऐसी स्थिति में तीर्थंकर परमात्मा का उपदेश है कि आंयबिल तप रोग निवारी, संकटकारी एव मंगलकारी है।
गुरुजनो द्वारा अरिहंत पद के तहत प्रदक्षिणा का दोहा ‘अरिहंत पद ध्यातो थको, दव्वह-गुण पज्जाय रे। भेद -छेद करी आतमा, अरिहंत रुपी थाय रे’, वर्ण - श्वेत, गुण 12, स्वास्तिक 12, खमासमण 12 तथा धान्य के रूप चावल व वर्ण सफेद दिया गया। इसके साथ ओम हिंम नमो अरिंहताणं की 20 माला जाप का आराधना करवाने के साथ आज के पूर्ण किया गया। आज गुरुजनों द्वारा नवपद जी की ओली करने के उपरांत श्रीपाल और मैना के जीवन की समस्याओं का समाधान, सुख शांति का फल मिला उसका वर्णन किया जायेगा ।
श्री आत्मानन्द जैन सभा व चातुर्मास समिति के सुरेंद्र बद्धानी, शांतिलाल कोचर हनुजी, शांति लाल भंसाली, विनोद देवी कोचर, शांति लाल सेठिया व मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद द्वारा पौषधशाला में ओलीजी प्रवचन का तथा आयंबिल शाला में तपस्वियों हेतु आयंबिल व्यवस्था प्रबंधन देखा। चार्तुमास समिति तथा ओसवाल साॅप परिवार द्वारा आज की प्रभावना की गई। ओलीजी पर्व के दूसरे दिन के प्रवचन उपरांत आगम की नाटिका मे भाग लेनी वाली श्राविकाओं का बहुमान किया जायेगा