शिक्षण नहीं, सृजन है शिक्षा — डॉ. बिस्सा ने दी शिक्षक शिक्षिकाओं को नई दृष्टि

शिक्षण नहीं, सृजन है शिक्षा — डॉ. बिस्सा ने दी शिक्षक शिक्षिकाओं को नई दृष्टि


आपका श्रेष्ठ प्रदर्शन ही आपकी वास्तविक पहचान — डॉ. गौरव बिस्सा

Empowering Educators was the core theme of an inspiring seminar hosted at Shri Jain Public School, Bikaner, where renowned motivational speaker and management trainer Dr. Gaurav Bissa delivered a powerful session for the teaching faculty. With the message that "Great Teachers Build Great Futures," Dr. Bissa emphasized that true education lies in purpose-driven teaching that goes beyond textbooks. His talk, centered around the idea that "Performance Defines You," encouraged educators to strive for excellence in every interaction, reminding them of their profound role in shaping young minds. As Motivation met Education in this dynamic session, the event became a remarkable reflection of the school’s commitment to Shaping Minds, Shaping Futures, leaving teachers inspired, empowered, and reconnected with the purpose of their profession.



बीकानेर, 30 जून। शिक्षा केवल ज्ञान का संचार नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की वह धारा है, जिसमें नन्हे नौनिहालों का भविष्य आकार लेता है। ऐसे में यदि उन बच्चों को संवारने वाली शिक्षिकाओं को स्वयं प्रेरणा, ऊर्जा और दिशा देने का अवसर मिले, तो वह संपूर्ण शिक्षण-प्रक्रिया को ऊर्जस्वित कर देता है। श्री जैन पब्लिक स्कूल, बीकानेर के सभागार में आयोजित विशेष मोटिवेशनल सेमिनार इसी उद्देश्य की सफल परिणति रहा, जहाँ शहर के ख्यातनाम मोटिवेशनल गुरु, मैनेजमेंट ट्रेनर एवं ईसीबी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव बिस्सा ने शिक्षिकाओं को न केवल उनके पेशे की गरिमा का बोध कराया, बल्कि उन्हें जीवन के हर मोर्चे पर श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।

"आपका श्रेष्ठ प्रदर्शन ही आपकी वास्तविक पहचान है" — इस मूल भावना को रेखांकित करते हुए डॉ. बिस्सा ने शिक्षिकाओं को बताया कि सकारात्मक सोच, समवेत प्रयास, और आपसी सद्भावना से न केवल कार्यस्थल पर बेहतर परिणाम संभव हैं, बल्कि छात्र-छात्राओं के जीवन में भी गहराई से सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है। उन्होंने यह भी समझाया कि शिक्षक-छात्र, शिक्षक-शिक्षक तथा शिक्षक-प्रबंधन के रिश्ते जितने मजबूत होंगे, संस्था की सफलता उतनी ही सुनिश्चित होगी।

सेमिनार के दौरान डॉ. बिस्सा के उदाहरणों और गतिविधियों ने सभी को गहराई से प्रभावित किया। शाला सभा सदस्य श्री निर्मल पारख, प्रधानाचार्या श्रीमती रूपश्री सिपानी एवं व्यवस्थापक श्री विश्वजीत गॉड ने उनके योगदान की सराहना करते हुए स्मृति चिह्न भेंट कर आभार प्रकट किया।



इसी अवसर पर द्वितीय इंट्रामोरल टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट, 2025 के उत्कृष्ट प्रदर्शनकर्ताओं को भी स्मृति चिह्न एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया, जिससे छात्र-छात्राओं में उत्साह की लहर दौड़ गई।

कार्यक्रम के अंत में शालाध्यक्ष श्री विजय कुमार कोचर, सीए सचिव श्री माणक कोचर एवं सीईओ श्रीमती सीमा जैन ने डॉ. बिस्सा के उस संदेश को विशेष रूप से सराहा जिसमें उन्होंने टीमवर्क को संगठन की रीढ़ बताते हुए शिक्षकों से आह्वान किया कि वे केवल पढ़ाएं नहीं, बल्कि संवारें — क्योंकि हर शिक्षक एक शिल्पी है और हर छात्र उसकी अमूल्य कृति।

Teaching with Purpose: Motivation Meets Education at SJPS