राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पंचायतों में युवाओं को 20 प्रतिशत और आनुपातिक जनसंख्या के आधार पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण को आज अवैधानिक करार दिया है। मुख्य न्यायाधीश जगदीश चन्द्र भल्ला और मनीष भंडारी की खंडपीठ ने झुंझुनूं जिले के सीताराम शर्मा की याचिका को निर्णीत करते हुए राजस्थान पंचायत राज अधिनियम में किए गए संशोधन का अवैध एवं संविधान की भावना के विपरीत बताया। याचिकाकर्ता के वकील अनूपचंद ढंढ ने अधिनियम की धारा 15 (5) (6) एवं धारा 16 (5) में संशोधन को चुनौती दी थी जिसमें महिलाओं का आरक्षण 33 से बढाकर...
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