सुरक्षा को लेकर पत्रकारों ने की आवाज बुलंद
बीकानेर, 25 जून। देश में लगातार हो रहे पत्रकारों पर हमलों और उनकी सुरक्षा का कानून बनाने की मांग सहित 13 सूत्री मांगो को लेकर बीकानेर प्रेस क्लब की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संभागीय आयुक्त, आईजी व अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन प्रेषित किये गये।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष जयनारायण बिस्सा ने बताया कि बीकानेर के पत्रकारों ने हमलों के विरोध में काली पट़टी बांधकर अपना विरोध जताया। सभी समाचार पत्रों व समाचार चैनलों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में पत्रकारों के हमलों की निंदा करते हुए केन्द्र व रा य सरकार से उनकी सुरक्षा के लिये कानून बनाने की पैरवी की।
ज्ञापन में बताया गया है कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार, माफियाओं और असामाजिक तत्वों द्वारा अराजकता फैलाने के कार्य पर प्रमुखता से नजर रखने और उसे उजागर करने की सजा पत्रकारों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। पत्रकारों पर आये दिन हमले हो रहे हैं, उन्हें जिन्दा जलाया जा रहा है, फर्जी मुकदमों में फंसाने की करतूतें तक सामने आ रही है। महाराष्ट्र उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश में पत्रकारों पर हाल ही में हुए हमले इसके ताजा उदाहरण हैं। सगो और ईमानदार पत्रकारों को दबाया जा रहा है। लोकतंत्र की हत्या करने का कुछ प्रभावशाली लोगों का प्रयास अब असहनीय हो रहा है। इसलिए पत्रकारों की मांगों पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाए। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि मांगे नहीं माने जाने पर 30 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। इसके अलावा पत्रकार अधिनियम बनाकर उसे लागू करने की बात कही।
विरोध प्रदर्शन में क्लब के महासचिव अपर्णेश गोस्वामी, कोषाध्यक्ष विक्रम जागरवाल, लक्ष्मण राघव, विमल छंगाणी, के डी हर्ष, नीरज जोशी, मोहम्मद अली पठान, तेजकरण हर्ष, कमल कांत शर्मा, जेठमल शर्मा, शिव भादाणी, धीरज जोशी, अजीज भुटटो, मनीष पारीक, नौशाद अली, दिनेश गुप्ता, प्रकाश पुगलिया, हरिलाल पुरोहित, गुलाम रसूल, राजेश छंगाणी, पवन भोजक, बह्मदेव रामावत, विजय शर्मा, सूरज पारीक, आर सी सिरोही, घनश्याम स्वामी, गिरीराज भादाणी, बाबूसिंह कच्छावा ,के कुमार, अश्वनी श्रीमाली, आशाराम शर्मा, रवि पुगलिया, महेन्द्र मेहरा, रिषि कुमार व्यास, नटवर ओझा, नरेश मारू आदि शामिल थे।
ये है मांगे:
हर जिले में मीडिया सेन्टर खोलने, केन्द्र सरकार की ओर से दस लाख तक का नि:शुल्क बीमा करने,पत्रकारों के साथ घटना दुर्घटना होने की स्थिति में मुआवजा व नि:शुल्क ईलाज की व्यवस्था करने, केन्द्र सरकार की ओर से मीडियाकर्मियों को खाद्य सामग्री, इंटरनेट, वाहनों के टैक्स फ्री करने, सरकारी मिटिंग में पत्रकारों को शामिल करने, दुर्घटना में मारे गये पत्रकार के परिजनों को उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी देने।