प्रधानमंत्री मोदी के लिए वाट्सएप्प पर प्रसारित खुला पत्र

सम्माननीय मोदीजी ,
   नमस्कार ।

आपको सवा सौ भारतीयो की ओर से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना ।
    हम आप जैसा प्रधानमंत्री पाकर अत्यंत प्रसन्न है । आप जो कार्य कर रहे है वह स्तुत्य है । राष्ट्र को आपने जीस मजबूती से विश्व पटल पर स्थापित किया वह निःसंदेस प्रसंशा के योग्य है । मैं आपका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ ।
    लेकिन जो गलतियां अटल सरकार ने की थी वह आपकी सरकार भी कर रही है । अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपको 100 में से 100 मार्क दिए जा सकते है । स्मार्ट शहर , मेट्रो ट्रेन , स्वछता, मन की बात , योग को महत्व दिलाना सब बहुत अच्छे काम है जो राष्ट्र को प्रगति पथ पर अग्रसर करेँगे ।
   लेकिन अटल सरकार की तरह आपकी सरकार भी जनता क्या चाहती है शायद नहीं समझ पाई है । 
     स्पीड ट्रेन के साथ हमें ट्रेन में छत पर बैठकर  और डिब्बों में भेड़ बकरी की तरह यात्रा करने वाले यात्रियों के बारे में सोचना होगा । लम्बी लम्बी ट्रेनों के बजाय हमें लोकल डेमू ट्रेनों की जरुरत ज्यादा है ।
    हमें लाखों करोड़ो के       भ्र ष्टाचार से ज्यादा लोकल भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए जो पटवारी , पुलिस , मंत्री ,तहसील , बैंको में होता है और जिससे हमें रोज रूबरू होना होता है ।
     हमें बड़े-बड़े एम्स जैसे अस्प्तालों से ज्यादा गाँवों में प्राथमिक चिकित्सा चाहते है । बड़ी बीमारी से मरे तो ठीक है पर सिरदर्द या पेटदर्द से मरना अखरता है ।
    हमें सिक्स लेंन सड़क चाहिए पर उससे ज्यादा जरुरी है पास के शहर में मंडी तक जाना , बीमार माँ को अस्पताल ले जाना ,बच्चों को स्कूल भेजना जैसे हमारे जरुरी काम हो जाये , इसलिए छोटी मोटी सड़क की हमें जरुरत है  पहले अगर आप वो बनवा दे तो हम आपके आभारी रहेंगे ।
     हर सरकारी काम गुजरात की तरह क्वालिटी वाला बने । हम देखते है सड़क या किसी अन्य कार्य प्रारम्भ होता है और पूर्ण होने से पहले ही वह उखड़ना शुरू हो जाता है । उस सड़क से कई लाल बत्तिया गुजरती है लेकिन किसी की भी संवेदनाए जागृत नहीं होती है ।
   रंगे हाथ रिश्वत लेने वाले को हाथो हाथ क्यों जमानत हो जाती है  ?
     नेताओं के घर कब छापे पड़ेंगे ? कल तक बसों में घूमने वाला जनप्रतिनिधि 30-35 लाख की पजेरो में कैसे घूमने लगता है ?
    देश की सीमाओ से आज भी ताबुतो का सिलसिला रुका नहीं है । कश्मीर में आज भी पाकिस्तानी और isis के झंडे लहरा रहे है और आप मूकदर्शक बने हुए है ।
    आप चुनाव के समय कहते थे मैं बड़े बड़े नहीं छोटे-छोटे काम करूँगा । हम भी चाहते है कि आप हमारे लिए छोटे-छोटे काम करें...प्लीज । हर हिंदुस्तानी को आपसे बड़ी आशाएं है । अगर इस बार भी आम जनमानस संतुष्ट नहीं हो पाया तो उसका प्रजातंत्र नामक संस्था से ही विश्वाश उठ जायेगा ।
    आम हिंदुस्तानी की शुभकामनाये आपके साथ है ।
आप कुछ ऐसा करे की 5-10 लाख पूंजीपति नहीं सवा सौ करोड़ भारतीय आप पर गर्व करे तब ही हमारा स्वतंत्रता दिवस मनाना सार्थक होगा । 
   आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामना ।

     ।। वंदे मातरम् ।।
।। माँ भारती की जय ।।
।। शहीदों को नमन् ।।

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