दइया को हल्दीघाटी में ‘साहित्य रत्न’ सम्मान



बीकानेर/ श्रीनाथद्वारा/ 04 सितम्बर/ बीकानेर के कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया को उनकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिए साहित्य, कला और संस्कृति संस्थान नाथद्वारा द्वारा हल्दीघाटी में ‘साहित्य रत्न’ सम्मान अर्पित किया गया। महाराणा प्रताप संग्रहालय, हल्दीघाटी के सभागार में आयोजित इस चतुर्थ एक दिवसीय राष्ट्रीय साहित्यकार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह के अध्यक्ष राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष, मुख्य अतिथि जनार्दनराय नागर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शिवसिंह सारंगदेवीय एवं विशिष्ट अतिथि प्रख्यात साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा तथा संस्थान के अध्यक्ष साहित्यकार एम डी कनेरिया ने डॉ. दइया को शॉल और उपरणा ओढ़ाकर मेवाड़ी पाग पहनाते हुए प्रशस्ति पत्र, सम्मान पट्ट और श्रीनाथजी का प्रसाद साहित्य आदि भेंट कर साहित्य रत्न सम्मान अर्पित किया।


संस्थान के अध्यक्ष साहित्यकार एम डी कनेरिया ने बताया कि बताया कि विविध विधाओं में सक्रिय लेखक डॉ. नीरज दइया की दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, वहीं अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से उन्हें समानित किया जा चुका है। डॉ. दइया को हाल ही में दिल्ली की संस्था राजस्थानी रत्नाकर द्वारा दीपचंद जैन पुरस्कार, सृजन सेवा संस्थान श्रीगंगानगर द्वारा सुरजाराम जालीवाला सृजन पुरस्कार तथा कागद सम्मान राजस्थानी साहित्य में उल्लेखनीय अवदान के लिए अर्पित किया गया है। आपको केंद्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा बाल साहित्य पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है। समारोह में जोधपुर के कवि सत्यदेव सवितेंद्र, साहित्यकार रेवती रमन शर्मा, श्रीमती दमयंति सोलंकी आदि का भी विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान किया गया तथा शोध पत्रों का वाचन किया गया। समारोह में आकाशवाणी उदयपुर के पूर्व निदेशन व प्रख्यात कवि ज्योतिपुंज, शिविरा के पूर्व वरिष्ठ संपादक प्रो.जमना लाल बाहेती, बाल वाटिका के संपादक डॉ. भैंरूलाल गर्ग, प्रसिद्ध कहानीकार माधव नागदा, नारायणसिंह राव, गुजराती कवि डॉ. नीरज मेहता सहित अनेक साहित्यकार, विद्वान और शोधार्थी उपस्थित हुए। 

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