बीकानेर, 4 सितम्बर। श्राद्ध पक्ष के तर्पण, हवन के अनुष्ठान बुधवार से शुरू होंगे। इस बार श्राद्ध पक्ष में एक तिथि क्षय है। श्राद्धपक्ष अमावस्या 19 सितम्बर तक चलेगा। हर्षोंलाव, संसोलाव, धरणीधर, देवीकुंड सागर, कोडमदेसर और कोलायत सहित विभिन्न स्थानों पर पितृतर्पण व हवन आदि के अनुष्ठान होगे। श्राद्ध पक्ष से दो दिन पूर्व ही जस्सूसर गेट सहित शहर के अनेक स्थानों पर रियायती मिठाई व नमकीन की अस्थाई दुकानें लग गई। सनातन धार्मिक परम्परा के अनुसार श्राद्धपक्ष में मांगलिक कार्य पूर्ण रूप से बंद रहेंगे।
श्राद्धपक्ष में एक तिथि क्षय होगी। द्वादशी व त्रयोदशी का श्राद्ध 17 सितम्बर को मनाया जाएगा। इस बार श्राद्ध पक्ष 16 दिन की बजाए 15 दिन के होगा। इनमें लोग पितरो की आत्मा की शांति के लिए बाइ,बेटी, ब्राह्मणों को भोजन करवाएगे तथा कौओं को कागगोल (भोजन) व गायो के लिए गौग्रास देंगे। इनके अलावा पूर्वजों की पुण्य श्राद्ध की तिथि पर सामर्थ्यानुसार गरीबों, बेसहारों, लाचार को भी भोजन आदि करवाएंगे। द्वादशी तिथि 17 सितम्बर को दोपहर दोपहर करीब पौने तीन बजे तक रहेगी उसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू हो जएगी जो, अगले दिन 18 सितम्बर को दोपहर एक बजकर 8 मिनट तक रहेगी। शास्त्रो के अनुसार श्राद्ध अपरान्ह व्यापिनी तिथि में ही निकाले जाने चाहिए।
धरणीधर मंदिर परिसर के मोतीकुंड में वयोवृद्ध पडित नत्थमल पुरोहित के शिष्य पंडित गोपाल ओझा 6 सितम्बर से सुबह छह बजे से सात बजे तक दो पारी में पितरों को तर्पण करवाएंगे। आयोजन से जुड़े पुरुषोत्तम आचार्य, पट्टू महाराज व दुर्गा शंकर आचार्य ने बताया कि प्रतिदिन देव,ऋषि व पितृ तर्पण किया जाएगा।
हर्षोंलाव तालाब में बुधवार सुबह सवा पांच बजे से सवा छह बजे तक पंडित गोपाल ओझा के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिदिन देव,ऋषि व पितृ तर्पण किया जाएगा। तर्पण के बाद तालाब के किनारे बने बनी यज्ञ मंडप परिसर में हवन किया जाएगा। तर्पण व हवन आदि अनुष्ठानों के संयोजक फूलसा सेवग ने बताया कि तर्पण व हवन में आहूतियां देने के लिए शहर के विभिन्न मोहल्लों के साथ सुजानदेसर, श्रीरामसर, किसमीदेसर के श्रद्धालुओं ने अपना नामांकन करवाया है।